नालंदा जिले के प्रतिष्ठित पत्रकार दीपक विश्वकर्मा पर हुए जानलेवा हमले के मामले में आरोपी रागनी विश्वकर्मा उर्फ निक्कू देवी और उसके प्रेमी शशांक कुमार को बुधवार को जिला न्यायालय से बड़ा झटका लगा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दोनों आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
गत माह हुए इस हमले में दीपक विश्वकर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया था कि दीपक विश्वकर्मा अपनी पत्नी रागनी विश्वकर्मा के साथ राजगीर से लौट रहे थे। इसी दौरान अपराधियों ने दीपक को दो गोली मारी थी।
नालंदा पुलिस ने बताया कि रागिनी और दीपक के बीच आपसी विवाद चल रहा था। रागिनी विश्वकर्मा और शशांक कुमार ने मिलकर इस हमले की साजिश रची थी। शशांक कुमार ने ही दीपक विश्वकर्मा पर गोली चलाई थी। घटना के बाद से पत्रकार दीपक विश्वकर्मा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।
इस मामले में सरकार की ओर से लोक अभियोजक शैलेश कुमार सिन्हा ने बहस की। उल्लेखनीय है कि दीपक विश्वकर्मा नालंदा जिले के एक वरिष्ठ पत्रकार हैं, जो जी न्यूज, रिपब्लिक टीवी सहित कई राष्ट्रीय चैनलों के लिए काम कर चुके हैं।
नालंदा पुलिस की जांच में रागनी विश्वकर्मा और शशांक कुमार को मुख्य आरोपी पाया गया था। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इसके बाद आरोपियों ने जिला न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी।
न्यायाधीश के इस फैसले के बाद, अब रागनी विश्वकर्मा और शशांक कुमार के पास जमानत के लिए उच्च न्यायालय जाने का विकल्प बचा है। स्थानीय पत्रकार समुदाय ने न्यायालय के इस फैसले का स्वागत किया है और न्याय की उम्मीद जताई है।
यह घटना पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। स्थानीय मीडिया संगठनों ने पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।
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