नालंदा (दीपक विश्वकर्मा) | बिहार शांति मिशन के अध्यक्ष पूर्व विधायक रामनरेश सिंह ने शराबबंदी कानून की असफलता को सरकार की खींस बताया। उन्होंने कहा कि यह अभियान असफल होने पर इसका गुस्सा सरकार नागरिकों पर निकाल रही है। उन्होंने बड़ी पहाड़ी मोहल्ले में लोगों पर की जा रही कार्रवाई को अमानवीय और अनैतिक बताया। उन्होंने कहा कि इस मोहल्ले में बसे लोग प्रशासन की मिलीभगत से ही अपना आशियाना बनाया था।
इधर दूसरी ओर प्रशासन द्वारा बिजली का कनेक्शन, नल जल योजना, आधार कार्ड, राशन कार्ड यह सभी चीजें इन लोगों को मुहैया करा दी। ऐसी स्थिति में उनको बेघर करना यह मानवीय कार्यवाई है। ऐसी स्थिति में उन्हें बेघर करने पर शायद सरकार को जन आक्रोश का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य के हर 50 घरों की बस्ती में 10 घरों में शराब चुलाये जा रहे हैं। जो सर्व विदित है ऐसे परिवेश में सरकार को हर गांव के 10 घरों के हिसाब से हजारों घरों को तोड़ना होगा।
उन्होंने एक कहावत कहते हुए कहा कि “एक सनकी राजा ने अपनी प्रजा को यह आदेश दिया की ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करें, ताकि राष्ट्र निर्माण के साथ-साथ लोग मौज मस्ती का भी लाभ उठाएं। नतीजतन हर घरों में 10 से 20 बच्चे पैदा होने लगे और छेड़छाड़ के साथ बलात्कार की भी घटनाएं सामने आने लगी। अचानक राजा को स्वपन आया कि यह उचित नहीं है। न राष्ट्र के लिए और न ही आवाम के लिए, तभी राजा ने जनता से गुहार लगाई कि आप लोग मेरे पूर्व के आदेश को अमल करते हुए ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें। इससे राष्ट्र के निर्माण के साथ-साथ आप लोगों के स्वास्थ्य में भी सुधार आएगा। राजा ने अपने सरकारी महकमे को तथा मुखिया, सरपंच, पंच, ग्राम सेवक को हिदायत दी कि किसी भी कीमत में ब्रह्मचर्य व्रत का उल्लंघन न हो अगर कोई व्यक्ति ब्रह्मचर्य का उल्लंघन करता है और पकड़ा जाता है तो उस इलाके के थानेदार और चौकीदार दोनों निलंबित किए जाएंगे।”
यही हाल पूर्व में पंचायत स्तर पर पीने पिलाने और शराबबंदी का स्वांग देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी हठधर्मिता त्याग कर शराबबंदी की समीक्षा कराएं और राज्य में बढ़ते हत्या लूट डकैती चोरी बलात्कार जैसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए प्रशासन को चुस्त एवं दुरुस्त करें।