Nalanda: बिहार के नालंदा जिले में बकरियों के लिए हेल्थ कार्ड और टीकाकरण अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान के तहत जिले (Nalanda News) की सभी 1.70 लाख बकरियों की इयर टैगिंग की जाएगी। इयर टैगिंग के बाद बकरियों का पूरा डेटा ऑनलाइन होगा, जिसमें नस्ल, उम्र, बीमारी आदि की जानकारी शामिल होगी।
इस अभियान के पीछे का उद्देश्य बकरियों के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार करना है। इयर टैगिंग से बकरियों की पहचान आसान हो जाएगी, जिससे उन्हें जरूरत पड़ने पर तुरंत इलाज मिल सकेगा। इसके अलावा, ऑनलाइन डेटा से बकरियों की बीमारियों पर नजर रखना और उन्हें रोकने के लिए उपाय करना आसान हो जाएगा।
इस अभियान को 10 जनवरी से शुरू किया जाएगा। सभी प्रखंड स्तरीय पशु चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे घर-घर जाकर बकरियों की इयर टैगिंग करें। इसके अलावा, पशु अस्पतालों में भी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
पीपीआर से बकरी की मौत
पशुपालन पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार ठाकुर ने बताया कि बकरी में होने वाले बीमारियों में सबसे खतरनाक बीमारी पीपीआर है। यह एक संक्रामक बीमारी है। अगर किसी खटाल में 1-2 बकरी को भी हो जाती है तो 50 प्रतिशत बकरी को अपनी चपेट में ले लेता है। इस बीमारी में बकरी को सर्दी, खांसी, पैखाना के साथ ही लार भी गिरता है। इलाज नहीं करने पर बकरी की मौत हो जाती है। इससे बचाव के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है।
बकरी में होने वाली सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक पीपीआर है। इस अभियान के तहत पीपीआर से बचाव के लिए भी टीकाकरण किया जाएगा। 4 महीने से ऊपर की सभी बकरियों को टीका दिया जाएगा।
क्या आप भी अपने बकरी की इयर टैगिंग और टीकाकरण करवाना चाहते हैं?
अगर आप भी अपने बकरी की इयर टैगिंग और टीकाकरण करवाना चाहते हैं तो अपने नजदीकी पशु चिकित्सा केंद्र से संपर्क करें।
निष्कर्ष
यह अभियान नालंदा जिले के बकरी पालकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे बकरियों की देखभाल और स्वास्थ्य के लिए बेहतर तरीके से योजना बनाई जा सकेगी। इससे बकरी पालकों को आर्थिक लाभ भी होगा।
(स्रोत: दैनिक भास्कर / नालंदा जिला पशुपालन विभाग)