Nalanda News बिहारशरीफ | वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बीच जिले में नल जल का काम चल रहा है। लेकिन, काम की रफ्तार सुस्त है। अब भी 134 वार्डों में हर घर शुद्ध जल नहीं पहुंचा है। कोरोना के कारण एजेंसियों को मजदूर नहीं मिल रहे हैं। नयी डेड लाइन के अनुसार 15 अगस्त हर हाल में काम को पूरा कर लेना है।
पीएचईडी को Nalanda जिले के 1245 वार्डों में नल जल का काम करने की जवाबदेही दी गयी है। शुरुआत में मार्च तक काम को पूरा करना था। लेकिन, लॉकडाउन के कारण काम प्रभावित हो गया। बाद में छूट मिली तो चयनित वार्डों में बोरिंग और पाइप बिछनी शुरू हुई।
Biharsharif Division में 875 वार्डों में से अबतक 776 तो हिलसा डिविजन में 370 वार्डों में से 335 वार्डों में काम पूरा हो चुका है। शेष 134 वार्डों में काम चल रहा है।
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एजेंसियों के पास सामग्रियों की कमी नहीं है। दिक्कत है तो मजदूरों का। बाहर के कामगार अपने-अपने घर लौट गये हैं। लोकल स्तर पर जरूरत के अनुसार मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं। इस वजह से नल जल का काम रफ्तार नहीं पकड़ रही है। हालांकि, तय डेड लाइन तक काम को पूरा करने का प्रयास जारी है।
बोरिंग हो चुकी है पर पाइप बिछानी बाकी
शेष बचे वार्डों में जमीन चिन्हित कर बोरिंग कर दी गयी है। पाइप बिछाने की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि कुछ जगहों पर स्थानीय स्तर पर विवाद के कारण पाइप बिछाने में संवेदकों को दिक्कत आ रही है। कार्यस्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करने की हिदायत संवेदकों को दी गयी है।
5 साल तक एजेंसी को करना रखरखाव
PHED द्वारा जिन वार्डों में नल जल का काम हो रहा है, उसका रखरखाव भी 5 साल तक काम करने वाली एजेंसी को करना है। पाइप में लिकेज, मोटर का खराब होना व अन्य तरह की तकनीकी परेशानी आने पर इसकी देखरेख करना काम करने वाले ठेकेदार की ही होगी।
वार्ड के प्रत्येक घरों तक आसानी से पानी पहुंचाने के लिए लोहे की रॉड से 8 मीटर ऊंचा टावर बनाकर उसपर 10 हजार लीटर क्षमता की प्लास्टिक टंकी लगानी है। 3 एचपी (हार्स पावर) का मोटर लगाना है। घरों तक पानी पहुंचाने के लिए एचडीपीई प्लास्टिक पाइप (हाई डेंसिटी पालीथिन पाइप) लगानी है। पाइप की खासियत यह कि इसे 45 डिग्री तक आसानी से मोड़ा जा सकता है।
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