Nalanda (दीपक विश्वकर्मा) | बिहार की बेटी अर्पणा ने केदार कांठा के बाद उत्तराखंड के दूम पर्वत कि एक 11768 फीट की बर्फीली चोटी पर तिरंगा लहराने के बाद बिहारशरीफ पहुंची। जहां रेलवे स्टेशन पर उसका भव्य स्वागत किया गया। विभिन्न खेलों में 50 से अधिक मेडल प्राप्त कर चुकी नालंदा जिले के छोटे से गांव मेघी की रहने वाली अर्पणा के परिवार वाले फूले नहीं समा रहे हैं।
स्टेशन पर अपर्णा की माँ और परिवार वालो ने उसकी आरती उतारी। तिरंगा लहराने के बाद लौटी अर्पणा का कहना है कि पहली चढ़ाई से भी ज्यादा उनके लिए टफ थी बावजूद इसके उन्होंने फतह हासिल किया। इधर नालंदा की लड़कियां भी अर्पणा को अपना प्रेरणा मान रही है।
दरअसल अर्पणा 2012 से कराटे में कामयाबी हासिल करते हुए नेशनल और राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में 50 से अधिक मेडल प्राप्त कर चुकी है साथी ही खोहखो, एथलेटिक एवं बॉक्सिंग के मगध यूनिवर्सिटी की चैंपियन रही है। अर्पणा का सपना है की वह दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भारत का तिरंगा लहराए।
दरअसल अर्पणा के सर से पिता का साया उठ चुका है गरीबी में जिंदगी बसर करने वाली अपर्णा की माँ गीता कुमारी ने इसके आगे बढ़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अपर्णा अपनी कामयाबी का श्रेय अपनी मम्मी गीता कुमारी भाई, विक्रम सिंह पटेल, सेन्सई राकेश राज, अपने कराटे कोच सेंसाई संजय खड्गी और सेन्सई शीतल खड्गी, नवल किशोर सर एवं एवरेस्टर विपिन चौधरी को देती है।