बिहारशरीफ / आशुतोष कुमार आर्य | राजगृह यानि मगध की प्राचीन राजधानी। इसका फैलाव पश्चिम में इरान-इराक तो पूरब में कम्बोडिया तक था। शिक्षा के क्षेत्र में यह क्षेत्र उस उत्कर्ष पर था कि पूरा विश्व इसका कायल था। भारत को विश्वगुरु का तमगा दिलाने वाली यही सरजमीं थी। यह क्षेत्र पहले राजनीतिक रूप से जितना समृद्ध था, शायद अब नहीं। यहां से भाजपा के सत्यदेव नारायण आर्य आठ बार विधायक रह चुके हैं।
अभी वे हरियाणा के राज्यपाल हैं। पिछले चुनाव यानि 2015 में जदयू के रवि ज्योति (Rajgir Mla Ravi Jyoti) ने उनका विजय रथ रोका था। हालांकि तब जदयू महागठबंधन का हिस्सा था। इस बार समीकरण बदला है और भाजपा व जदयू साथ हैं। इस कारण महागठबंधन और एनडीए में रोचक मुकाबले की उम्मीद है।
राजगीर में ये भी खास
- यूनिवर्सिटी ऑफ नालंदा (University of Nalanda)
- पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (Bihar Police Academy, Rajgir)
- सीआरपीएफ रिक्रूटमेंट ट्रेनिंग सेंटर (CRPF RTC Rajgir)
- मिनी हवाई अड्डा (Rajgir Nalanda Airport)
- आयुघ फैक्ट्री (Ordnance Factory Nalanda)
- सैनिक स्कूल (Sainik School Nalanda)
- इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (Rajgir International Convention Centre)
- सूबे का पहला भूमि बैंक
- विश्व समाधान केन्द्र
- फिल्म सिटी (Film City Rajgir)
- नालंदा खुला विश्व विद्यालय (Nalanda Open University)
- सूबे का पहला एको टूरिस्ट प्लेस (घोड़ा कटोरा) (Ghora Katora Rajgir)
- मेडिकल कॉलेज
- आईटी पार्क (IT Park Nalanda)
- आधुनिक रोपवे
- आसपास के 447 गांवों को ग्रामीण पर्यटन स्थल
- इंटरनेशनल स्पोर्ट्स एकेडमी (Rajgir International Sport Academy cum Cricket Stadium)
विनर और रनर सफल घोषित : 1957 में राजगीर विधानसभा क्षेत्र के हुए चुनाव में 27 हजार 255 वोट लाकर श्यामसुंदर प्रसाद विनर तो 24 हजार 724 वोट लाकर बालदेव प्रसाद रनर अप बने थे। लेकिन, चुनाव आयोग ने दोनों को ही विनर घोषित किया था। यह सूबे का इकलौता विधानसभा क्षेत्र (rajgir vidhan sabha voter list) नहीं था, जहां ऐसा किया गया। 54 क्षेत्रो में इस तरह की घोषणा की गयी थी।
…तो पटना से बड़ा शहर बन जाएगा: राजगीर के बढ़ते कदम पर हम गौर करें, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि विकास की दिशा में राजगीर कई फर्लांग की दूरी तय कर चुका है। जिले के विकास के लिए जो खाका खींचा गया है, उससे न सिर्फ राजगीर बल्कि नालंदा, पावापुरी व अन्य पर्यटक स्थलों में आमूलचूल परिवर्तन दिखने वाले हैं।
8 बार राजगीर का प्रतिनिधित्व कर चुके सत्यदेव नारायण आर्य, अभी हैं हरियाणा के राज्यपाल
राजगीर : अब तक ये जीते
1957 | श्याम सुंदर प्रसाद, जनसंघ |
1962 | बालदेव प्रसाद, कांग्रेस |
1969 | यंदुनंदन प्रसाद, जनसंघ |
1972 | चंद्रदेव प्रसाद हिमांशु, सीपीआई |
1977 | सत्यदेव नारायण आर्य, जनता पार्टी |
1980 | सत्यदेव नारायण आर्य, भाजपा |
1985 | सत्यदेव नारायण आर्य, भाजपा |
1990 | चंद्रदेव प्रसाद हिमांशु, सीपीआई |
1995 | सत्यदेव नारायण आर्य, भाजपा |
2000 | सत्यदेव नारायण आर्य, भाजपा |
2005 | (फरवरी) सत्यदेव नारायण आर्य, भाजपा |
2005 | (अक्टूबर) सत्यदेव नारायण आर्य, भाजपा |
2010 | सत्यदेव नारायण आर्य, भाजपा |
2015 | रवि ज्योति कुमार, जदयू |
प्रस्तावित सभी योजनाओं ने मूर्तरूप ले लिया तो राजगीर न सिर्फ प्राचीन ‘राज’गृह बन जाएगा, बल्कि यह शहर पटना से भी बड़ा हो जाएगा। दो दर्जन से अधिक प्रस्तावित योजनाओं का रकबा पटना के क्षेत्रफल ( 3,202 वर्ग किमी ) से कहीं अधिक होगा।
यह रिपोर्ट मूल रूप से हिन्दुस्तान दैनिक अख़बार में पहले प्रकशित की जा चुकी है.
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