बिहारशरीफ । करीब 29 लाख जनसंख्या वाले जिले में महज 175 चिकित्सक कार्यरत हैं। 2344 वर्ग किलोमीटर की क्षेत्रफल वाले जिले की भौतिक बनावट एकरूप नहीं है। नतीजतन जिले में मौसमी बीमारी के साथ सालों भर मलेरिया, कालाजार, डेंगू, चेचक, चिकेनगुनिया, जपानी बुखार, खसरा आदि रोग का प्रकोप का भय बना रहता है। इस पर नियंत्रण में डॉक्टरों की भूमिका अहम होती है।
सदर अस्पताल, बिहारशरीफ में प्रशासनिक मौन कोरोना संक्रमण को लेकर खतरनाक सिद्ध हो सकता है। एक ओर जहां प्रशासनिक पदाधिकारी आमजनों से लगातार सामजिक दूरी बनाने की अपील कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सदर अस्पताल में इसका पालन नहीं करवाया जा रहा है। सदर अस्पताल में सोशल डिस्टैंसिंग के कोई मायने नहीं रह गये हैं।
सदर अस्पताल में सोशल डिस्टैंसिंग का उल्लंघन
पैथोलॉजी सेंटर, ऑपरेशन थियेटर, पर्ची काउंटर, टीकाकरण केंद्र, प्रसव केंद्र आदि के आगे अक्सर भीड़ लगी रहती है। बुधवार को भी लगभग दर्जनों लोग यहां-वहां जैसे- तैसे बिना सोशल डिस्टैंसिंग के घूमते दिख रहे थे। पर्ची कटाने और जांच सैंपल देने व रिपोर्ट लेने के लिए दर्जनों लोग प्रतीक्षा में खड़े थे।
![NALANDA :175 डॉक्टरों पर 29 लाख लोगों के इलाज का भार 2 DOCTOR-LIST-NALANDA](https://nalandareporter.com/wp-content/uploads/2020/06/DOCTOR-LIST-NALANDA.jpg)
कुछ लोग एक-दूसरे से चिपके, कुछ एक-दूसरे पर लदे हुए खड़े थे। जिले में बाहर से आने वाले प्रवासियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। प्रशासनिक स्तर पर प्रवासियों को चिह्नित और सुरक्षित रखने की व्यवस्था भी अब समाप्त हो गयी है। ऐसे में कब कहां से कौन आ रहा है और कौन बीमारी से ग्रसित है, इसका पता नहीं चलता है।
अस्पताल प्रशासन के मौन रहने से कोरोना संक्रमण का खतरा
यदि सोशल डिस्टैंसिंग का पालन नहीं किया गया तो कोई भी प्रवासी के माध्यम से कोरोना की चपेट में आ सकता है। क्योंकि मौसमी बीमारी और कोरोना संक्रमण की शुरुआती लक्षण एक समान होता है। ऐसे में सोशल डिस्टैंसिंग और मास्क की उपयोगिता ही आम लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने में सार्थक सिद्ध हो सकता है। हालांकि बहुत हद तक अस्पताल में मास्क के उपयोग करते मरीज व उनके परिजन देखे गये, परंतु सोशल डिस्टैंसिंग का खुले आम अनदेखी की जा रही है।
![NALANDA :175 डॉक्टरों पर 29 लाख लोगों के इलाज का भार 3 nurse in isoloation ward](https://nalandareporter.com/wp-content/uploads/2020/06/111609203_gettyimages-1207377595.jpg)
डॉक्टर और कर्मी खुद की सुरक्षा पर दें रहे ध्यान
सदर अस्पताल में डॉक्टर से लेकर कार्यरत अधिकतर कर्मी कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति खुद को सुरक्षा के प्रति गंभीर दिख रहे हैं। मरीजों के देखने, जांच करने, पर्ची काटने से लेकर दवाई वितरण में कर्मी व डॉक्टर सोशल डिस्टैंसिंग का बखूबी पालन कर रहे हैं,
![NALANDA :175 डॉक्टरों पर 29 लाख लोगों के इलाज का भार 4 Doctors and health workers, are checking the body temperature of the people](https://nalandareporter.com/wp-content/uploads/2020/06/Doctors-and-health-workers-1024x683.jpg)
मरीजों और अन्य बाहरी व्यक्ति से कम से कम संपर्क में आने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए सदर अस्पताल के अधिकतर काउंटरों व सेंटरों का रस्सी से घेराबंदी कर दी गयी है। इस घेराबंदी में मरीजों और आम लोगों को प्रवेश निषेध किया गया है। इसके लिए जगह-जगह गार्ड की भी व्यवस्था की गयी है।
क्या कहते हैं अधिकारी
मास्क लगाने के प्रति कुछ लोग सजग हुए, परंतु सोशल डिस्टरैंसिंग के प्रति लोग गंभीर नहीं दिख रहे हैं । जल्द ही मरीजों व उनके परिजनों के लिए सोशल डिस्टैंसिंग को कठोरता से पालन कराने की व्यवस्था बनायी जायेगी । डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों को मास्क लगाने और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने को कहा गया है। – राम सिंह, सिविल सर्जन नालंदा
SOURCE – PRABHAT KHABAR