नालंदा में क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे 700 प्रवासियों को मिला जॉब कार्ड

बिहारशरीफ। उप विकास आयुक्त नालंदा राकेश कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि प्रशासन द्वारा सभी प्रवासी कामगारों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखने की व्यवस्था की गई है।

नालंदा में में 19 मई तक 169 प्रखंड स्तरीय तथा 36 पंचायत स्तरीय, कुल 205 क्वॉरेंटाइन सेंटर में प्रवासी कामगारों को आवासित कराया गया है। 19 मई के शाम 5:00 बजे तक प्राप्त आंकड़े के अनुसार जिला में अब तक 16 हज़ार 497 प्रवासियों को प्रखंड/पंचायत स्तर पर क्वॉरेंटाइन में रखा गया है।

इनमें से 14 दिनों की क्वॉरेंटाइन अवधि पूरा करने वाले 1538 प्रवासियों को उनके होम क्वॉरेंटाइन के लिए विभिन्न सेंटरों से विरमित किया गया है। इस प्रकार प्रतिवेदित समय तक जिला में 14959 प्रवासी कामगार क्वॉरेंटाइन में रह रहे थे।

प्रवासियों के आने का सिलसिला लगातार जारी है इसके लिए निरंतर आवश्यकतानुसार नए क्वॉरेंटाइन सेंटर भी बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अकुशल श्रमिकों को मनरेगा के तहत रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने का प्रयास लगातार किया जा रहा है।

15 जून तक जिला में लगभग 10 लाख मैन डेज सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से अब तक लगभग तीन लाख मैन डेज सृजित किया जा चुका है। क्वॉरेंटाइन सेंटर से विरमित हो चुके 471 लोगों को विभिन्न योजनाओं के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। कार्य करने के इच्छुक लगभग 700 प्रवासियों का जॉब कार्ड बनाया गया है, जो सिलसिला लगातार जारी है।

वर्तमान में जिले में कुल 623 पाइन, 45 सार्वजनिक तालाब, 342 आहर, 42 निजी पोखर एवं 1607 सोख्ता निर्माण का कार्य मनरेगा के तहत किया जा रहा है। इन योजनाओं में अधिक से अधिक इच्छुक प्रवासियों को भी रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास लगातार किया जा रहा है।

नालन्दा से ऋषिकेश की रिपोर्ट

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