नालंदा रिपोर्टर | पूरे विश्व को एक सूत्र में पिरोने वाले भगवान बुद्ध और स्वामी महावीर की धरती नालंदा जिले के बिहारशरीफ शहर के बाजारों में जनजीवन सामान्य नजर आने लगा है। आर्थिक गतिविधियां तेज होती जा रही हैं। बाजार की रौनक लौट आई है। लोग जरूरत के सामान की खरीदारी के लिए अब बाहर निकलने लगे हैं।
लगन को लेकर सोने-चांदी के आभूषण और कपड़ों की दुकानों में भीड़ बढ़ने लगी है। ऐसे में कोरोना से खुद को बचाते हुए शॉपिंग कैसे करें। शहर के चुनिंदा और खास दुकानदारों के ब्योरे, जिन्होंने अपनी दुकानों में कई बदलाव किए हैं, जिनसे आप कोरोना से बचे रहेंगे और खरीदारी कर लेंगे। प्रस्तुत है रिपोर्ट.
- शो-रूम में ग्राहकों की थर्मल स्क्रीनिंग हो रही
- ग्राहकों की संख्या बढ़ने से दुकानदार खुश हैं
- बिहारशरीफ में पहले की तरह भीड़
- आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स और गारमेंट्स की सबसे ज्यादा मांग
- सूई से लेकर कार तक का हो रहा कारोबार
अनलॉक के इन दो हफ्तों में जैसे-जैसे आर्थिक गतिविधियां तेज हो रही हैं और जनजीवन फिर से सामान्य हो रहा है, वैसे-वैसे बाजारों में कारोबार की रफ्तार भी बढ़ रही है। जो बाजार लॉकडाउन के 68 दिनों के दौरान वीरान दिख रहे थे और दुकानों के शटर खुल नहीं पा रहे थे, आज स्थिति काफी बदली हुई है। अब हर प्रकार की दुकानें खुल गई हैं और जमकर कारोबार भी हो रहा है। दुकानदार बताते हैं कि बाजारों में ग्राहकों की संख्या लगातार बढ़ रही है और उसी अनुपात में प्राय: सभी वस्तुओं की बिक्री भी हो रही है।
शो-रूम में ग्राहकों की थर्मल स्क्रीनिंग हो रही
बाजार और दुकानें खुल जरूर गई हैं। लेकिन, जिले में कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या भी 165 से पार कर गई है। यही कारण है कि बाजारों में दुकानदारों और व्यापारियों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों में सोशल डिस्टेंसिंग को सबसे ज्यादा अहमियत दे रहे हैं। और, इसे कायम रखने के लिए दुकानों के सामने या तो रस्सियों से घेरा बनाकर या फिर चूने से गोलाकार घेरा बनाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है।
ग्राहकों की संख्या बढ़ने से दुकानदार खुश हैं
कई दुकानदारों ने बताया कि सामान की बिक्री के साथ-साथ उनकी एक बड़ी प्राथमिकता यह भी है कि ग्राहकों को यह भी बताएं कि सामाजिक दूरी बनाकर और हाथों को सैनेटाइज कर इस बीमारी के संक्रमण से बचा जा सकता है।
दुकानदार सिर्फ अपनी वस्तुओं के विक्रेता ही नहीं, सामाजिक जागरूकता के संदेशवाहक भी बने हुए हैं। शो-रूम में प्रवेश करने के दौरान प्रतिष्ठान के प्रशिक्षित कर्मचारी ग्राहकों की थर्मल स्क्रीनिंग भी कर रहे हैं। ताकि, अगर कोई ग्राहक संदिग्ध नजर आए तो उसे दुकान में प्रवेश करने की बजाय उसे अस्पताल जाकर जांच कराने के प्रति जागरूक किया जा सके।
बाजारों में पहले की तरह भीड़
बिहारशरीफ शहर के सबसे बड़े पुलपर बाजार में पहले की तरह ही ग्राहकों की भीड़ उमड़ने लगी है। एक आंकड़े के अनुसार प्रतिदिन शहर के बाजारों में एक लाख से अधिक ग्राहक अपनी जरूरत की वस्तुओं की खरीदारी के लिए आ रहे हैं। शादी- विवाह का मौसम होने के कारण जिले के हरनौत, अस्थावां, राजगीर, नालंदा, पावापुरी, एकंगर सराय, नूरसराय, चंडी, सरमेरा आदि जगहों से बड़ी संख्या में ग्राहक नगर के बाजारों में पहुंच रहे हैं |
अनलॉक में यातायात खोल दिए जाने के कारण आवागमन की सुविधा बढ़ी है। इसका प्रभाव बाजारों के कारोबार पर काफी अच्छा पड़ रहा है। बिहारशरीफ शहर में विभिन्न वस्तुओं की छोटी बड़ी लगभग पांच हजार दुकानों हैं। ये दुकानें रोजगार के भी बड़े साधन हैं।
आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स और गारमेंट्स की सबसे ज्यादा मांग
अभी शादी विवाह का मौसम होने के कारण आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक गुड्स और गारमेंट्स की सबसे ज्यादा मांग बढ़ी है। इसके कारण इनसे संबंधित दुकानों और शो-रूम में ग्राहकों की भीड़ पहले की तरह दिख रही है। एक मोटे अनुमान के अनुसार प्रतिदिन बाजारों में इन वस्तुओं का रोजाना कारोबार दो से ढाई करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। दुकानदार इसे अच्छा संकेत मान रहे हैं और यह भी अनुमान लगा रहे हैं कि अगले माह से कारोबार और अधिक बढ़ेगा।
बाजारों में रौनक फिर से लौटने से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है, लेकिन इसी के साथ दुकानदारों के तमाम प्रयासों के बावजूद खरीदारी की आपाधापी में लोग सोशल डिस्टेंसिंग को तोड़ दे रहे हैं। यह स्थिति अच्छी नहीं मानी जा सकती क्योंकि कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है | चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इसी तरह सोशल डिस्टेंसिंग टूटती रही तो आने वाले समय में स्थिति और अधिक भयावह हो जाएगी।
सूई से लेकर कार तक का हो रहा कारोबार
बाजारों में एक अच्छी बात यह दिख रही है कि छोटी से छोटी वस्तु से लेकर बाइक, कार तक का कारोबार हो रहा है। लोगों ने बाइक और कार खरीदने के लिए बुकिंग करा रखी है। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान लोगों की क्रय शक्ति में जो गिरावट आई थी, वह धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है।
लोग अपनी जरूरत की वस्तुओं की खरीदारी में सक्षम होते जा रहे हैं। कई दुकानदारों ने तो यह भी बताया कि अगर कारोबार की यही रफ्तार बनी रही तो अगले एक माह के दौरान बाजारों की स्थिति काफी सुदृढ़ हो जाएगी।
(यह रिपोर्ट मूल रूप में हिंदुस्तान अख़बार में पहले प्रकाशित की गई है.)
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