पटना (मृत्युंजय ठाकुर) | बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की जीवनी पर लिखित महाकाव्य ‘बाबा साहेब अम्बेडकर’ पुस्तक का लोकार्पण बुधवार को पटना में किया गया। वरिष्ठतम आई ए एस अधिकारी और साहित्यकार, कवि जियालाल आर्य द्वारा रचित इस पुस्तक के लोकार्पण में पटना के करीब दर्जन भर वरिष्ठ साहित्यकारों का जुटान हुआ।
पटना के बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के सभागार में खचाखच भरे साहित्य प्रेमियों की मौजूदगी में जस्टिस राजेन्द्र प्रसाद और सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल सुलभ ने इस पुस्तक का विमोचन किया। मौके पर सम्मेलन के उपाध्यक्ष शंकर प्रसाद, सेवानिवृत्त आई ए एस अधिकारी और वरिष्ठ साहित्यकार आई सी कुमार, वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार डॉ शिवनारायण सहित कई वरिष्ठ साहित्यकार मौजूद थे।
बाबा साहब अम्बेडकर महाकाव्य के रचयिता जियालाल आर्य एक ख्याति प्राप्त आई ए एस अधिकारी रहे हैं और साहित्य रचना में सदैव सक्रीय रहे हैं। मूलरुप से उत्तरप्रदेश के अमेठी के रहने वाले जियालाल आर्य ने पचास से अधिक पुस्तकों की रचना की है। इनमें कथा संग्रह, काव्य संग्रह, उपन्यास, बाल साहित्य, जीवनियां आदि शामिल हैं। उन्होंने बीस से अधिक सामाजिक, साहित्यिक संस्थाओं की स्थापना भी की है। अब तक इन्हें दो दर्जन से अधिक पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा जा चुका है।
इस महाकाव्य में अम्बेडकर के जन्म काल में मौजूद सामाजिक आर्थिक परिवेश, अम्बेदकर का संघर्ष, प्रादुर्भाव से लेकर आजादी के बाद तक के परिस्थितियों को बहुत स्पष्ट और गम्भीरता से काव्य के द्वारा रखने की कोशिश की गई है।