बिहारशरीफ | नालंदा के किसान बहुत जल्द ऑनलाइन सब्जी (Online Vegetables Market) बेचेंगे। हर प्रखंड में आधुनिक सुविधाओं से लैस उनकी ‘अपनी मंडी’ होगी। उत्पाद की कीमत खुद तय करेंगे। बिचौलियों की छुट्टी होगी। किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए सहकारिता विभाग के अधीन बना वेजफेड नालंदा जिले के सभी 20 प्रखंडों में प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समिति (पीवीसीएस) बना चुका है।
इन समितियों से 1025 सब्जी उत्पादकों को जोड़ा गया है। योजना के तहत सहकारी समितियों को इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केटिंग (इनाम) से भी जोड़ा जाएगा। इनाम से जुड़ जाने के बाद किसान देशभर में ऑनलाइन सब्जी बेच सकेंगे। उनकी आमदनी बढ़ेगी। हालांकि, इनाम से जोड़ने में कुछ वक्त लग सकता है। लेकिन, राज्य के अंदर खरीद-बिक्री की व्यवस्था जल्द ही बहाल हो जाएगी।
नालंदा जिले के 20 प्रखंडों में से 6 में अपनी मंडी बनाने के लिए जमीन मिल गयी है। शेष प्रखंडों में जमीन की खोज चल रही है। जमीन समितियों को लीज पर लेना है। मंडी निर्माण का खर्च वेजफेड उठाएगा। मंडी के लिए नालंदा जिले के तीन-चार प्रखंडों में जमीन देखी गयी है। लेकिन, चयन नहीं हो सका है। जमीन वैसी जगह पर होनी चाहिए, जहां वाहनों के आवागमन की सुविधा हो। किसान आसानी से वहां तक पहुंच सकें।
मुख्य बातें
- 10 हजार वर्गफीट में फैला होगा अपनी मंडी का परिसर
- 08 दुकानें बनेंगी खुदरा सब्जी बेचने के लिए
- 06 प्रखंडों में मंडी बनाने को मिल गयी है जमीन
- 14 प्रखंडों में जमीन चयन की प्रक्रिया चल रही
- 04 हजार हेक्टेयर में नालंदा में होती है सब्जी की खेती
- 20 प्रखंडों में बनी हैं प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समिति
- 10 सौ 25 सब्जी उत्पादक जुड़े हैं सहकारी समितियों से
उत्पादों की ग्रेडिंग और पैकेजिंग की व्यवस्था
अपनी मंडी 10 हजार वर्गफीट जमीन बनेगी। मंडी परिसर सब्जियों की छटनी, ग्रेडिंग और पैकेजिंग की पूरी व्यवस्था होगी। इतना ही नहीं सब्जियां खराब न हो इसके लिए दस टन क्षमता का मल्टी चैंबर कोल्ड स्टोरेज भी बनेगा। परिसर में ही आठ दुकानें बनायी जाएंगी। इसे छोटा से बाजार का रूप दिया जाएगा। यहां स्थानीय लोग खुदरा सब्जी खरीद सकेंगे। इतना ही नहीं किसानों को बीज, खाद और कीटनाशी दवाओं के अलावा सभी प्रकार की सुविधाएं भी मुहैया करायी जाएंगी।
किसानों की बढ़ेगी आमदनी
नयी व्यवस्था जिन प्रखंडों में होगी, वहां के किसानों के लिए बाजार की समस्या दूर हो जाएगी। साथ ही आसपास के लोगों को भी सस्ती और ताजी सब्जियां मिलेंगी। ऑनलाइन सब्जी बेचने की सुविधा मिलने से किसानों को अपने उत्पाद की उचित कीमत मिलेगी। कोल्ड चैंबर बन जाने से सब्जियों के खराब होने का डर नहीं रहेगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
जिन प्रखंडों में जमीन मिल चुकी है, वहां जल्द ही वेजफेड के माध्यम से अपनी मंडी बनाने का काम शुरू होगा। अन्य प्रखंडों में जजीन की तलाश की जा रही है। यह योजना किसानों के लिए काफी फायदेमंद है। उत्पाद की उचित कीमत उन्हें मिल सकेगी।
– सत्येन्द्र कुमार प्रसाद, जिला सहकारिता पदाधिकारी, नालंदा
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