दीपक विश्वकर्मा | सोमवार को नालंदा जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार ने दिल्ली में जातीय जनगणना को लेकर सर्वदलीय समिति की मुलाकात को एक औपचारिकता बताया। उन्होंने कहा कि 1931 में जनगणना हुई थी उसी के आधार पर सारी चीजें चल रही है। इतने लंबे अरसे के बाद भी जातीय जनगणना नहीं होने से बिहार के कई जातियों का विकास अवरुद्ध हो रहा है।
उन्होंने कहा कि ऐसे परिवेश में आज ही प्रधानमंत्री को इस पर निर्णय ले लेना चाहिए था। उनका केवल आश्वासन देना इस मुद्दे पर सवालिया निशान खड़ा करता है। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि प्रधानमंत्री की मनसा इसमें साफ नहीं दिख रही है। ऐसे में राज्य सरकार को ही कोई ठोस कदम उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सर्वदलीय समिति में बीजेपी के भी लोग शामिल थे मगर कितना भी डेलिगेशन प्रधानमंत्री से मिल ले मगर होता वही है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं। उन्होंने बीजेपी को वन मैन शो बताया।
उन्होंने कहा कि एक दौर था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ नीतीश कुमार ने मुहिम छेड़ा था, उसके बाद जब वे बीजेपी के गोद में चले गए तब से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने का मुद्दा धरा का धरा रह गया। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार और केंद्र दोनों की कथनी कुछ और है और करनी कुछ और। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में विकास नहीं बल्कि विनाश हो रहा है, यहां की जनता अब सत्ता परिवर्तन चाहती है ।