बिहारशरीफ। बंदी और मंदी से जनमानस जहाँ कांप रहा है। वहीं जिले की खेती व्यवस्था के लिए लॉकडाउन वरदान साबित होने लगा है। जिस क्षेत्र में काम करने के लिए कभी लोग नहीं मिलते थे, वहीं मिट्टी का काम में आज लोग रोजगार ढूँढने लगे हैं। वर्षों से जिले के जीर्ण-शीर्ण 3030 आहर, पइन, पोखर, तालाब, नदी व अन्य सरकारी स्रोतों को मनरेगा से उड़ाही का काम किया जा रहा है। बुधवार की देर शाम तक जिले के 255 जलस्नोतों की खुदाई का काम पूरा हो गया और 2664 आहर, पइन, पोखर, तालाब, नदी व अन्य जलकरों में निर्माण का काम चल रहा है।
• जिले के 255 जलस्रोतों की हो गयी उड़ाही और 2661 में चल रहा काम
• जीविका दीदी भी संभालने लगीं मनरेगा कि कमान
• मनरेगा में काम तलाशने वालों की बढ़ रही संख्या
• मनरेगा से 5 जून तक 3030 जलसोतों का होना है जीर्णोद्धार
आगामी 15 जून तक जिले के चिह्नित 3030 जलस्रोतों को मनरेगा के माध्यम से जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जीर्णोद्धार करने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 13402 मजदूरों के द्वारा जिले के 2355 वर्ग किलोमीटर जलस्रोतों की उड़ाही की गयी है। जिले के कुछ चिह्नित क्षेत्रों में 227 जीविका दीदियों को मनरेगा काम की मॉनीटरिंग का जिम्मा दिया गया है। लगातार मनरेगा में काम ढूँढने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। 2259 लोगों ने मनरेगा में काम करने की चाहत में जॉब कार्ड बनवाये हैं। साथ ही कल तक गावं में मनरेगा का कम करने में हिचकने वाले युवक भी इसमें आपनी रोजी रोटी तलाशने में रूचि दिखाने लगे हैं।
- क्या कहते हैं अधिकारी
लॉकडाउन के कारण मनरेगा का कार्य बंद था । हाल के दिनों में सरकार के निर्देश पर मनरेगा के तहत जल-जीवन-हरयाली में काम शुरू किया गया है । वर्तमान में काफी तेजी से मनरेगा के तहत कार्य हो रहा है। निर्धारित 15 जून तक लक्ष्य को पूरा करनेका प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए अधिक से अधिक मजदूर बल को लगाने का काम किया जा रहा है।
बिट्ठू कुमार सिंह, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, डीआरडीए, नालंदा
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता आदि प्रदेशों से कोरोना कल में अपना रोजगार गवांकर लौटने वाले 621 प्रवासी मजदूरों ने अब मनरेगा में काम करने की इच्छा जतायी है। क्वारंटाइन की प्रक्रिया पूरा करने के बाद पूरी तरह नीरोग होने वाले 471 प्रवासियों को मनरेगा में काम दिया गया है। हालांकि डीआरडीए ने चालू वर्ष में 35 हजार लोगों को काम उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। 28 हजार 243 लोगों के लिए मनरेगा ने विभिन्ना विभागों के माध्यम से काम तैयार किया है।
लघु जल संसाधन, ग्रामीण विकास, कृषि, पशु व मत्स्य संसाधन आदि विभागों के माध्यम से चिह्नित आहर, पइन, पोखर, सोख्ता, पशु शेड, तालाब व नदियों की खुदाई की जा रही है। हालांकि कोरोना कहर के कारण जिले में मनरेगा काम काफी देर से शुरू हुआ है। फिलहाल तेज रफ्तार और पर्याप्त मजदूर बल के कारण 2355 वर्ग किलोमीटर जलस्रोतों की खुदाई की जा चुकी है। हालांकि मनरेगा के तहत सबसे अधिक जल-जीवन-हरियाली अभियान पर जोर दिया जा रहा है। क्योंकि 15 जुन तक जल-जीवन-हरियाली अभियान को पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।।
आंकड़ो में जाने काम की स्थिति ।
जलस्त्रोत | निर्धारित लक्ष्य | पूरा हुआ काम |
---|---|---|
पईन | 272 | 41 |
तालाब | 274 | 6 |
आहर | 151 | 83 |
पोखर | 297 | 6 |
सोख्ता | 2086 | 129 |