बिहारशरीफ | नालंदा जिले के सबसे पुराने दो विधानसभा क्षेत्रों में बिहारशरीफ (Biharsharif News) का नाम शामिल है. इस विधानसभा क्षेत्र में 1952 से अब तक एक भी निर्दलीय उम्मीदवार को प्रतिनिधित्व का मौका नहीं मिला है. यहां से वर्ष 2000 में निर्दलीय उम्मीदवार डॉ सुनील कुमार चुनाव मैदान में उप विजेता अवश्य रह चुके हैं.
बिहारशरीफ विधानसभा क्षेत्र ने दिया है सबसे कम वोट से जीतने वाला प्रत्याशी
Nalanda जिले के इसी क्षेत्र ने 1985 में सबसे कम वोट से जीतने वाला विधायक दिया है. इस चुनाव में CPI के देवनाथ प्रसाद ने जेएनपी प्रत्याशी तक्युक रहमान को महज 247 वोटों से पराजित किया था. जिले में सबसे अधिक चार बार जीतने का रिकॉर्ड सीपीआई (कम्यूनिष्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्स लेनिनवादी) के प्रत्यशियों के नाम है, 1967 तथा 1969 में लगातार दो बार विजय कुमार यादव यहां से विजयी हुए थे. इसी प्रकार सीपीआई के देवनाथ प्रसाद भी लगातार दो बार वर्ष 1977 तथा 1980 में विजयी हुए थे.
कई रेकॉर्ड हैं बिहारशरीफ विधानसभा क्षेत्र के नाम
बिहारशरीफ विधानसभा क्षेत्र (Biharsharif Assembly Seat) शुरू है ही कांग्रेस (इंडियन नेशनल कांग्रेस) का गढ़ माना जाता था. हालांकि 1969 के चुनाव में सबसे पहले सीपीआई प्रत्याशी विजय कुमार यादव की जीत ने कांग्रेस के गढ़ को ध्वस्त कर दिया. यह बिहारशरीफ विधानसभा क्षेत्र धीरे-धीरे सीपीआई का राजनीतिक केंद्र बिंदु बन गया था. हालांकि 1980 के का में यहां से पराजित होने के बाद सीपीआई को दोबारा यहां पैर जमाने का अवसर नहीं मिला.
वर्ष 1985 में कांग्रेसी प्रत्याशी ने 377 मतों से विजय प्राप्त कर बिहारशरीफ विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया. उसके अगले चुनाव 1990 में ही कांग्रेस का पैर यहां से जो उखड़ा, तो अब तक नहीं जम पाया. 1990 में बीजेपी प्रत्याशी देव नाथ प्रसाद ने काँग्रेस प्रत्याशी शकिल उज्जमा को 1444 मतों से हराया था. 1995 आते-आते बिहारशरीफ विधानसभा क्षेत्र पर पुरानी पार्टी और पुराने उम्मीदवारों को यहां की जनता ने पूरी तरह नकार दिया.
1995 के चुनाव में जनता दल (विश्वनाथ प्रताप सिंह की पार्टी) और समाजवादी पार्टी (मुलायम सिंह की पार्टी) के बीच की टक्कर में जनता दल के उम्मीदवार देवनाथ प्रसाद ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार राम नरेश सिंह को हराकर विजयी हुए, वर्ष 2000 में नौशाद नवी उर्फ पप्पु खान राजद के टिकट पर जीतने में सफल रहे.
इसके बाद के एक उपचुनाव सहित कुल चार चुनावों में लगातार डॉ सुनील कुमार (Dr. Sunil Kumar, MLA Biharsharif) जीतने में सफल रहे. उन्होंने तीन बार जदयू (JDU) के टिकट पर, जबकि एक बार BJP के टिकट पर जीत हासिल की.
कोलकाता की बीड़ी कंपनी बंद होते ही जिले में सीपीआई की डूबी नाव
वर्ष 1957 से 1970 तक नालंदा जिला सीपीआई (Nalanda News) का गढ़ माना जता था. कोलकाता की बीड़ी कंपनी बंद होते ही जिले में कार्यरत हजारों बीड़ी मजदूरों का मोह सीपीआई से बंद हो गया. इससे पार्टी अंदरूनी रूप से कमजोर हो गयी. जिले के विभिन्न क्षेत्रों से सीपीआई के तीन सांसद और सात विधायक देने वाली पार्टी इसी समय से अपना जनाधार खोना शुरू कर दिया.
यहां कि निर्मित बीड़ी Kolkata के बाजारों में बिकती थी. बीड़ी कंपनी बंद होते ही यहां के हजारों कामगार बेरोजगार हो गये. गरीबों की पार्टी कहलाने वाली सीपीआई भी कंपनी को दोबारा नहीं खुलवा सकी. नतीजतन 1985 में दोबारा कांग्रेस को जड़ जमाने में कामयाबी मिली. कांग्रेस भी ज्यादा दिनों तक बीड़ी मजदूरों का विश्वास कायम नहीं रख सका. 1990 में बीजेपी प्रत्याशी देव नाथ प्रसाद कांग्रेस प्रत्याशी को हराने में सफल रहे. इसके बाद विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवार जीतते रहे.
सामाजिक ताना-बाना
बिहारशरीफ विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या आसपास की सीटों से ज्यादा है. यहां कुल मतदाता 3,35,064 हैं. इसमें 1,78,600 पुरुष और 1,56,437 महिला मतदाता शामिल हैं. 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की कुल आबादी 4,35,814 है. जिसमें 33.05% ग्रामीण और 66.95% शहरी जनसंख्या शामिल है. एससी और एसटी क्रमश: 14.47 एवं 0.02% है.
बिहारशरीफ विधानसभा क्षेत्र से कब कौन जीते, कौन हारे
चुनावी वर्ष | विजेता व पार्टी | उपविजेता व पार्टी |
2015 | डॉ सुनील कुमार, बीजेपी | मो अजगर शीमम, जदयू |
2010 | डॉ सुनील कुमार, जदयू | अफरीम सुल्तान, राजद |
अक्तूबर 2005 | डॉ सुनील कुमार, जदयू | सैयद नौशादीन नवी, राजद |
फरवरी 2005 | डॉ सुनील कुमार, जदयू | सैयद नौशादीन नवी, राजद |
2000 | सैयद नौशादीन नवी, राजद | डॉ सुनील कुमार, निर्दलीय |
1995 | देवनाथ प्रसाद, जनता दल | रामनरेश सिंह, समाजवादी दल |
1990 | देवनाथ प्रसाद, बीजेपी | शैकिल उजमा कांग्रेस |
1985 | शैकिल उजमा, कांग्रेस | देवनाथ प्रसाद, बीजेपी |
1980 | देवनाथ प्रसाद, सीपीआई | नसीमउद्दीन अंसारी, बीजेपी |
1977 | देवनाथ प्रसाद, सीपीआइ | तक्यूक रहमान, जेएनपी |
1972 | वीरेंद्र प्रसाद, बीजेएस | विजय कुमार यादव, सीपीआइ |
1969 | विजय कुमार यादव. सीपीआइ | वीरेंद्र प्रसाद, बीजेएस |
1967 | विजय कुमार यादव, सीपीआइ | एसडब्ल्यू अहमद, कांग्रेस |
1962 | सैयद वासिद, कांग्रेस | हैबिबुल रजा, सीपीआइ |
1957 | एमएम अकील. कांग्रेस | विजय कुमार, सीपीआइ |
1952 | गिरवधारी चौघरी, कांग्रेस | बिंदेश्वर, समाजवादी पार्टी |
पत्रकार निरंजन जी के द्वारा, यह रिपोर्ट मूल रूप से प्रभात खबर दैनिक अख़बार में पहले प्रकशित की जा चुकी है.
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