नालंदा में शिक्षा पर खर्च होंगे सवा 4 अरब, भेजा गया बजट… जानिए कहां किया जाएगा कितना खर्च

बिहारशरीफ। चालू वित्तीय साल के लिए जिला शिक्षा बजट बना लिया गया है। इसे मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेजा गया है। वहां से बजट को केन्द्र सरकार के पास भेजा जाएगा। इस बार का जिला शिक्षा बजट 4 अरब 28 करोड़ 56 लाख 95 हजार का बनाया गया है। इसमें बालिका शिक्षा के साथ ही शिक्षा में गुणवत्ता लाने पर विशेष जोर दिया गया है।

वहीं दूसरी ओर, जिले के 1,924 ऐसे बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रावधान किया गया है, जिन्होंने अब तक स्कूल का मुंह नहीं देखा है। इनके लिए विशेष शिक्षालयों की मदद ली जाएगी। इसके लिए शिक्षा स्वयंसेवकों की बहाली करनी होगी। 2,120 प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के साथ ही 194 हाईस्कूलों की बुनियादी संरचनाओं को सुदृढ़ करते हुए उन्हें आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। सबसे खास बात यह कि हर प्रखंड के एक हाईस्कूल में अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना की जाएगी। वहीं बच्चों में नेतृत्व क्षमता के विकास के साथ ही उन्हें अपने पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने के लिए सभी स्कूलों में ईको एंड यूथ क्लबों के गठन किये जाएंगे।

82 नये कमरों के होंगे निर्माण

भवनविहीन अथवा जर्जर भवनों वाले स्कूलों में 82 नये कमरों का निर्माण किया जाएगा। जबकि, 105 नये बालक शौचालय तो 40 बालिका शौचालय बनवाने की योजना है। हालांकि, पिछले 7 साल से भवन निर्माण के मद में राशि नहीं दी जा रही है।

बाल संसद होंगी मजबूत

सभी 2,120 प्राइमरी स्कूलों में बाल संसद का गठन पहले से किया गया है। उन संसदों के क्रियाकलापों में मजबूती लाने की रणनीति बनायी गयी है। ताकि, बच्चों के नेतृत्व क्षमता को उभारकर उनमें राजनीति का बीज बोआ जा सके। खासकर, छात्राओं को मीना मंच के सहारे सटिक निर्णय लेने की क्षमता का विकास किया जाता है।

स्कूल का रखरखाव 

स्कूल भवनों के रखरखाव के साथ ही उनकी मरम्मत के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है। 15 बच्चों के नामांकन वाले स्कूलों को साढ़े 12 हजार, 100 बच्चों तक वालों को 25 हजार तो ढाई सौ नामांकित बच्चों वाले स्कूलों को 50 हजार रुपये दिये जाएंगे। इसी तरह, ढाई सौ से एक हजार वाले को 75 हजार तो एक हजार से अधिक नामांकित स्कूलों को एक लाख देने की योजना है।

साल में एक बार विज्ञान प्रदर्शनी अथवा पुस्तक मेले का आयोजन किया जाएगा। इसपर एक लाख रुपये खर्च किये जाएंगे। सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी कम से कम एक बार करायी जाएगी। इसपर अधिकतम खर्च 50 हजार किये जाएंगे।

  • क्या कहतें हैं अधिकारी
    जिला शिक्षा पदाधिकारी का कहना है कि राज्य सरकार को जिला शिक्षा बजट भेज दिया गया है। राज्य सरकार सभी जिलों के बजट को समेकित करके केन्द्र सरार को भेजती है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही पता चलता है कि किस जिले को कितनी राशि दी गयी। मिलने वाली राशि के आधार पर बजट में दर्शाये गये कार्यों को धरातल पर उतारा जाएगा।

पुस्कालय होंगे सुदृढ़

चाहे प्राइमरी हो या सीनियर सेकेंड्री स्कूल, सबों के पुस्तकालयों को और सुदृढ़ किया जाएगा। 1,353 प्राथमिक स्कूलों को 5-5 हजार, 767 मिडिल स्कूलों को 10-10 हजार रुपये दिये जाएंगे। जबकि, सिर्फ हाईस्कूल को 15 हजार तो पहले से 12वीं तक वाले स्कूलों को 20-20 हजार रुपये मिलेंगे।

300 प्रारंभिक तो 100 माध्यमिक स्कूलों को दो-दो हजार रुपये टूर के लिए दिये जाएंगे। यह टूर सूबे के अंदर का होगा। जबकि, सूबे से बाहर के टूर का लाभ सिर्फ 20 बच्चों को ही मिलेगा।

प्रति सीआरसी 41 हजार
स्कूलों की मॉनिटरिंग के लिए संकुल संसाधन केन्द्र (सीआरसी) का गठन किया गया है। इसके समन्वयक को 20 हजार रुपये कंटींजेंसी, मीटिंग व यात्रा के लिए 15 हजार, डीएलएम ग्रांट 5 हजार तो मरम्मत अनुदान 1 हजार रुपये दिये जाएंगे।

खेल सामग्री के लिए हाईस्कूलों को 25 हजार
हाईस्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को फिजीकल शिक्षा के लिए सभी 194 हाईस्कूलों को 25-25 हजार रुपये दिये जाएंगे। इस राशि से हेडमास्टर खेल सामग्री की खरीद कर सकेंगे।

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