हरनौत | स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (PHC) के पास गंदा पानी और गंदगी का अंबार लगा हुआ है। बगल के गड्ढे वाली गंदगी मुख्य द्वार के पास जमा है। इससे रोगी व परिजनों को परेशानी हो रही है। लेकिन, प्रशासन इसपर ध्यान नहीं दे रहा है। कई वर्षों से यहां के लोग इस परेशानी को झेल रहे हैं। गंदगी व गंदा पानी के कारण दुर्गंध निकलती रहती है। यहां से गुजरना भी मुश्किल हो जाता है।
अस्पताल कर्मी, मरीज व उसके परिजन मच्छरों व दुर्गंध से महामारी फैलने को लेकर आशंकित रहते हैं।हर साल की तरह इस बार भी अस्पताल के आगे मुख्य द्वार के पास बरसात का पानी भर गया है। दोनों तरफ से पानी निकलने का रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया गया है। अस्पताल के आगे गड्ढे में सालोंभर लोग कचरा फेंकते हैं। इसमें अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल वेस्टेज भी फेंक देते हैं।
आसपास के लोग भी घरों का कचरा इसी में डाल देते हैं। इसके कारण गंदा पानी व गंदगी का अंबार लग गया है। बारिश होने के बाद गड्ढे में पानी भर गया। जिसके कारण सारा कचरा ऊपर आ गया है। गंदा पानी अस्पताल के मुख्य द्वार के पास पहुंच गया है। मरीजों व परिजनों के साथ साथ स्वास्थ्य कर्मियों को भी परेशानी हो रही है। गंदगी के कारण पानी से बदबू निकल रही है।
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महामारी फैलने का खतरा
स्वास्थ विभाग लोगों के बीच जाकर विभिन्न माध्यमों से घरों के आस पास पानी का जमाव नहीं होने की नसीहत देती है। प्रचार प्रसार के माध्यम से लोगों को बताया जाता है। लेकिन यहां अस्पताल के आगे जमे गंदगी पर स्वास्थ विभाग खुद मौन है। न तो पानी की निकासी का कोई उपाय किया जा रहा है। और न ही गंदगी से निपटने के कोई व्यवस्था।
ऐसे में डायरिया, डेंगू, चिकनगुनिय, कालाजार जैसी महामारी फैलने का खतरा बना हुआ है। मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ा है। बीमारी ठीक कराने आए मरीजों को महामारी हाने का खतरा सताने लगा है। दूसरे को साफ सफाई रखने का नसीहत देने वाला अस्पताल खुद मजबूर दिख रही है।
रोगी कल्याण समिति नहीं दे रहे ध्यान
बाजार के अनिल कुमार, श्रीनिवास कुमार पंकज, विपिन गुप्ता, अनुज जयप्रकाश व छोटू कुमार समेत कई लोगों का कहना है कि हैरत की बात है कि अस्पताल को व्यवस्थित तरीके से चलाने के लिए रोगी कल्याण समिति का गठन किया गया है।
लेकिन, कल्याण समिति के लोगों को अस्पताल के कल्याण से कोई लेना-देना नहीं है। यही कारण है कि हर वर्ष बरसात के दिनों में अस्पताल के आगे गंदे पानी व गंदगी जमा रहता है। इस कमेटी में सीएम नीतीश कुमार के गांव के एक व्यक्ति को रखा गया है। लेकिन, उनका भी ध्यान इस ओर नहीं होता है।
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वे डॉक्टरों के तबदला व कर्मियों को इधर से उधर कराने में अपनी पहुंच का फायदा उठाते रहते हैं। आलाधिकारी भी उनकी बात पर गौर फरमाते है, कहीं एक अण्णे मार्ग में उनकी शिकायत न कर दें। लेकिन, पता चला है कि एक अण्णे मार्ग में उनके अब तनिक भी नहीं चलती है। अब लोग जान गये हैं कि बेफजूल पैरवी ही उनका काम बच गया है।
क्या अधिकारी बोले
अस्पताल के आगे जमा गंदा पानी और गंदगी के अंबार से सबको परेशानी हो रही है। लेकिन, वह जगह एनएच की है। इसीलिए अस्पताल प्रशासन उस मामले में कुछ नहीं कर सकता है। आसपास के लोगों को भी अस्पताल के आगे गड्ढे में कचरा नहीं फेंकना चाहिए। क्योंकि, उन लोगों को भी परेशानी होती है।
― डॉ. राजीव रंजन सिंहा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, पीएचसी, हरनौत