दीपक विश्वकर्मा | नालंदा जिले के इस्लामपुर थाना अंतर्गत बीरा बिगहा गांव में सन्नाटा पसरा है। निखिल रंजन के घर उनकी मां कुसुम देवी की चित्कार से पूरा घर गमगीन हो चुका है। सभी लोग एक स्वर में दोषी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं। दरअसल बीते 9 जुलाई को तिलैया डैम में पिकनिक मनाने के दौरान प्रशिक्षु डीएसपी आशुतोष कुमार की सर्विस रिवाल्वर की गोली से निखिल की मौत हुई है। हालांकि पुलिस ने आरोपी प्रशिक्षु डीएसपी समेत 3 लोगों को सर्विस पिस्टल के साथ गिरफ्तार कर लिया है।
सब इंस्पेक्टर ऋषि देव प्रसाद सिंह के पुत्र निखिल रंजन जो एमबीए करने के बाद बीपीएससी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी में जुटे थे। जैसा कि उनके परिजनों का कहना है कि आरोपी प्रशिक्षु डीएसपी आशुतोष कुमार जिनसे दोस्ती हुई, दोस्ती के पीछे एक हम उम्र होता है मगर दोनों के उम्र में काफी फासले थे। परिवार वालों के बयान से यह बात उभर कर आ रही है कि आरोपी प्रशिक्षु डीएसपी सट्टेबाजी भी किया करते थे। जिसका खुलासा परिवार वालों ने किया है। यही नहीं मृतक को सट्टेबाजी की लत लगा कर उससे गलत तरीके से रुपए का भी वसूली किया गया है।
जिसके बारे में बताया जाता है कि सोने की चेन तक गिरवी रखवा दिया था। यानी सीधे तौर पर परिवार वाले इस हत्या को सोची समझी साजिश के तहत हत्या करार दे रहे हैं। मृतक के चाचा यूपी सिन्हा बिहार के मुख्यमंत्री और पुलिस महकमे के आला अधिकारियों से इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं। इस घटना का सबसे बड़ा पहलू है कि मृतक के दादा पुलिस में थे और पिता भी पुलिस महकमे के पदाधिकारी हैं। ऐसे में पुलिस परिवार के बेटे को पुलिस न्याय दे पाती है या नहीं यह देखने वाली बात होगी।