दीपक विश्वकर्मा | पावापुरी स्थित ओपन माइंड बिरला स्कूल के प्रांगण में सहोदया कलस्टर की बैठक आयोजित की गयी। जिसमे नालंदा, नवादा और शेखपूरा जिले के सभी एफिलिएटिड स्कूलों के निदेशक और प्रिंसिपल ने हिस्सा लिया। बैठक में मूल रूप से सरकार द्वारा आज यानी शनिवार से नवमीं से दसवीं क्लास का पठन-पाठन शुरू कराए जाने के फैसले का स्वागत किया गया। बैठक में विद्यालयों के संचालन के लिए क्या रणनीति होगी कैसे स्कूलों का बेहतर संचालन होगा और बच्चों के स्वास्थ्य पर किस प्रकार ध्यान दिया जाएगा इन सभी अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई।
आगत अतिथियों का स्वागत ओपन बिरला माइंड स्कूल के निदेशक अभिषेक कुमार के द्वारा किया गया जबकि इस मौके पर विद्यालय की प्राचार्य अनुपमा मिश्रा के द्वारा मंच का संचालन किया गया। हालांकि राज्य सरकार द्वारा शनिवार से नवमी और दशवीं का क्लास शुरू करने आदेश दिया गया है मगर इन लोगो ने सोमवार से क्लास शुरू करने का निर्णय लिया गया।
साथ ही साथ सीबीएसई द्वारा आयोजित होने वाले ट्रेनिंग के बारे में भी विचार विमर्श किए गए। दरअसल राज्य सरकार द्वारा 7 अगस्त से नवमी और दसवीं के क्लास शुरू कराये गए हैं और आगामी 16 अगस्त से क्लास वन का भी क्लास शुरू किए जाने की संभावना है। हम आपको बता दें सहोदया कलस्टर नालंदा, नवादा और शेखपूरा इन सभी जिलों के 71 एफिलिएटिड स्कूलों का संगठन है जिसकी अहम बैठक बुलाई गई थी।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए आरपीएस ग्रुप के चेयरमैन व कलेक्टर के अध्यक्ष अरविंद कुमार सिंह ने राज्य सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए विद्यालय के पठन पाठन को कोविड-गाइड लाइन के अनुसार चलाने की बात कही। सचिव राजीव रंजन ने कहा कि हमारे जितने भी विद्यालय के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ से है यहां तक की वाहन चालकों का भी कोविड का दोनों डोज़ दिया चुका है।
इस मौके पर कैंब्रिज स्कूल के निदेशक व क्लस्टर के उपाध्यक्ष अरविंद कुमार, तीर्थंकर महावीर विद्या मंदिर पावापुरी के निदेशक व क्लस्टर के कोषाध्यक्ष कौशल किशोर, कैरियर पब्लिक स्कूल के निदेशक संजय कुमार , संस्कार पब्लिक स्कूल शेखपुरा के निदेशक विनोद कुमार, गोल्डन वेल पब्लिक स्कूल के निदेशक वीरेंद्र कुमार, रोजमेरी लैंड स्कूल के निदेशक मोहम्मद रिजवी, विद्या ज्योति भातू बीघा के निदेशक विकास कुमार, मानस भूमि सीनियर सेकेंडरी स्कूल की निदेशक अनीता सिंह, नवादा विद्या ज्योति और मॉडर्न इंग्लिश स्कूल के निदेशक और प्राचार्य सहित कई विद्यालयों के निदेशक मौजूद थे।