दीपक विश्वकर्मा : संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों को घाटानुदानित/अंगीभूतिकरण करने, समता के आधार पर समान काम के बदले समान वेतन देने, 2009 से 10 वर्षों का वेतन मद् का बकाया सहायक अनुदान राशि का बढे हुये मंहगाई दर से एकमुश्त भुगतान करने, कोरोना संक्रमण से मृत शिक्षाकर्मियों के आश्रित को दस-दस लाख रुपये मुआवजा एवं सरकारी नौकरी देने, महाविद्यालय के आंतरिक श्रोत से आमदनी का 70 प्रतिशत राशि शिक्षाकर्मी को भुगतान सुनिश्चित करने, शासी निकाय के गठन के अवरोधों का निराकरण, शिक्षाकर्मियों को परिणियामानुस प्रोन्नति की सुविधा सहित राज्यस्तरीय 9 सूत्री मांगो एवं विश्वविद्यालय स्तरीय अन्य मांगों की पूर्ति के लिये बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ (फैक्टनेब) आह्वान पर संबद्ध डिग्री महाविद्यालय के शिक्षाकर्मी ने आज शनिवार को राज्य के दस परंपरागत विश्वविद्यालय मुख्यालय पर प्रदर्शन, धरना और घेराव किया।
फैक्टनेब के मीडिया प्रभारी प्रो. अरुण गौतम ने बताया कि राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के नकारात्मक रवैया के विरोध में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय मुख्यालय के समक्ष महासंघ के प्रधान संयोजक डा.शंभुनाथ प्रसाद सिन्हा, राज्य संयोजक प्रो. राजीव रंजन, विश्वविद्यालय अध्यक्ष डा. रामनरेश प्रसाद एवं डा.कुमार राकेश कानन के नेतृत्व में प्रदर्शन एवं घेराव किया गया, जबकि बी.एन.मंडंल विश्वविद्यालय में प्रो.अरविन्द कुमार यादव, पूर्णिया विश्वविद्यालय में प्रो.हरी यादव, मिथिला विश्वविद्यालय में प्रो.हरी राय, बिहार विश्वविद्यालय में डा. धर्मेन्द्र कुमार चौधरी, मुंगेर विश्वविद्यालय में डा सत्येन्द्र कुमार सिंह , वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में डा शंभूनाथ सिंह ने आज के आन्दोलन का नेतृत्व किया।
संपूर्ण राज्य में आंदोलित शिक्षाकर्मियों ने संकल्प लिया कि घोर निद्रा में लीन राज्य सरकार की निंद हराम करने हेतु 30 जुलाई को बिहार विधानसभा का घेराव करने हजारों शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी शिरकत करेंगे। महासंघ के मीडिया प्रभारी प्रो.अरुण गौतम ने बताया कि 30 जुलाई की संध्या से जनप्रतिनिधियों को उनके आवास पर घेराव किया जायेगा।