दीपक विश्वकर्मा (नालंदा) | विनोद पंडित के घर खुशियों का माहौल था उनका इकलौता बेटा विकास शादी कर अपनी दुल्हन को दरवाजे पर लाया था। मोहल्ले के लोग दुल्हन को देखने के लिए आतुर थे। विकास की मां अपनी बहू को घर में लाने के लिए गाल सेकाई की रस्म अदायगी कर रही थी। अचानक बहू की तबीयत बिगड़ गई और देखते-देखते खुशियों के घर में सन्नाटा पसर गया।
आनन-फानन में दुल्हन को बिहार शरीफ सदर अस्पताल लाया गया जहां उसने दुनिया को अलविदा कह दिया। डॉक्टर द्वारा आरती को मृत घोषित किये जाने तुरंत बाद उसके शव को उसके माईके नवादा भेज दिया गया। जबकि हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शादीशुदा महिला का अंतिम संस्कार उसके ससुराल में उसके पति के द्वारा किया जाता है। मगर शायद इस परंपरा को ये लोग भूल गए।
पति के घर नहीं हुआ अंतिम संस्कार, बड़ा सवाल ?
आखिर क्यों ऐसा किया गया यह एक बड़ा सवाल है। यह हिर्दय विदारक घटना सोहसराय थाना इलाके के कटहल टोला में घटी है। जहां ससुराल की दहलीज पर कदम रखने के पहले ही नवेली दुल्हन ने दम तोड़ दिया।
दरअसल पूरा मामला यह है कि कटहल टोला निवासी विनोद पंडित के इकलौते पुत्र विकास कुमार की शादी नवादा के गोपाल पंडित की इकलौती पुत्री आरती से सोमवार की रात हुई थी।
मंगलवार की प्रातः दुल्हन की विदाई करवा कर लायी गयी। दरवाजे पर लड़के की माँ दुल्हन की गाल सिकाई का रस्म अदा कर रही थी। उसी समय उसकी हालत बिगड़ गई और उसे तुरंत बिहार शरीफ सदर अस्पताल लाया गया। जहां उसे चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इस घटना के समय दुल्हन का भाई भी साथ था और अर्थी को वह उसी घर में वापस ले गया जिस घर से बीती रात उसकी बहन की डोली उठी थी।