नालंदा में सरकारी विभागों पर 4 करोड़ 88 लाख रुपये से अधिक बिजली बिल बकाया

Nalanda | नालंदा जिले में सरकारी विभागों के साथ आम उपभोक्ताओं पर बिजली बिल का बकाया लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बिजली बिल की वसूली में साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (South Bihar Power Distribution Company Limited) के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल रहे हैं। कंपनी के आदेश पर अधिकारी व कर्मी बकाये बिजली बिल की वसूली के लिए खाक छानते फिर रहे हैं। बकाये वाले उपभोक्ताओं के दरवाजे पर दस्तक देने के अलावा जिले के गांव-गांव में कैंप लगाये जा रहे हैं लेकिन चार-पांच हजार रुपये की ही वसूली हो रही है।

घर-घर दे रहे दस्तक, गांव-गांव लगा कर रहे कैंप, फिर भी नहीं हो रही संतोषजनक वसूली

नालंदा जिले (Nalanda District) में बिजली बिल का बकाया हजारों, लाखों व करोड़ों में नहीं बल्कि अरबों में हैं। जिले के सरकारी विभागों पर ही करीब 48 करोड़ 18 लाख 52 हजार रुपये बिजली के रूप में बकाया हैं। इसके अलावा बिजली के आम उपभोक्ताओं पर करीब 50 करोड़ से अधिक का बकाया है।  कंपनी द्वारा बिजली बिल बकाये वाले विभागों को बकाया जमा करने की नोटिस दी गई है। इसके बावजूद इन विभागों द्वारा बकाया बिजली बिल जमा नहीं किया गया है। फंड अपने पर मार्च-अप्रैल तक इन विभागों द्वारा बकाये का भुगतान किए जाने की संभावना है।

विभागों पर है कितना बकाया
विभागबकाया
भवन निर्माण विभाग19.65 लाख
हेल्थ एजुकेशन28.73 लाख
जेल7.53 लाख
पंचायती राज विभाग26.50 लाख
सामान्य प्रशासन विभाग166.06 लाख
स्वास्थ्य विभाग133.76 लाख
पुलिस विभाग158.76 लाख
पीएचईडी1367.26 लाख
अर्बन डेवलपमेंट705 लाख
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आम उप्रभोक्ताओं पर भी बाकी है बिजली बिल के करीब 50 करोड़ रुपये

इसके अलावा आम उपभोक्ताओं पर बिजली बिल बकाये का भुगतान नहीं हो पा रहा है। बकाये बिजली बिल की वसूली के लिए कंपनी द्वारा अधिकारियों व कर्मियों को लगाया गया है। अधिकारी व कर्मी बकाये की वसूली के लिए उपभोक्ताओं के दरवाजे पर दस्तक आरजू-मिन्नत कर रहें हैं। बड़े बकायेदारों की बिजली लाइन काटी जा रही है। इसके बावजूद संतोषजनक वसूली नहीं हो पा रही है।

बिजली कंपनी द्वारा राजस्व वसूली केलिए अभियान चलाया जा रहा हैं। जो आम उपभोक्ता दो से तीन महीने बिजली बिल जमा नहीं कर पाता है या उस पर पांच से लेकर 10 हजार रुपये तक बिल बकाया हो जाता है। बिजली कंपनी वैसे उपभोक्ताओं के घर कनेक्शन काटने पहुंच जाती हैं। बिजली बिल का सबसे अधिक बकाया पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग पर 1367.26 लाख, अरबन डेक्लपमेंट व हाउसिंग डिपार्टमेंट पर 705 लाख, हेल्‍थ डिपार्टमेंट 133.76 लाख, जेनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट पर 166.06 लाख बकाया है इसके अलावा अन्य विभागों पर भी बिजली बिल बकाया हैं। इन विभागों द्वारा बिजली कंपनी को कहा जा रहा है कि फंड आने के बाद बकाये का भुगतान कर दिया जाएगा।

क्या कहते हैं अधिकारी

इस बारे मे अधिकारियों ने बताया की बकाये बिजली बिल की वजह से कंपनी को काफी परेशानी हो रही है। अभी सर्दी का मौसम होने के कारण बिजली की खपत कम है। लेकिन गर्मी के मौसम में बिजली की खपत काफी बढ़ जायेगी। कंपनी को बिजली खरीदकर उपभोक्ताओं तक पहुंचाना पड़ता है। बकाये का भुगतान नहीं होने से कंपनी को बिजली खरीदने में परेशानी होगी। उपभोक्त 24 घंटे तक बिजली की आपूर्ति तो चाहते है, लेकिन बिजली का बिल जमा करना नहीं चाहते हैं। लोगों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी। 24 घंटे बिजली के लिए समय पर बिल का भुगतान करना जरूरी है।

मृत्युंजय कुमार सिंह, अधीक्षण अभियंता, नालंदा सर्किल

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यह रिपोर्ट मूल रूप से प्रभात खबर दैनिक अख़बार में पहले प्रकशित की जा चुकी है.

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