नालंदा | लॉकडाउन के बाद खाने-पीने की वस्तुओं और राशन के दाम के साथ सब्जियों के दाम में भी काफी उछाल आया है. इससे ग्राहकों की जेब पर बोझ बढ़ गयी है. आम आदमी की थाली से दाल और सब्जी दूर होने लगी है.
आमद और खपत का गैप बढ़ने के कारण सब्जी विक्रेता भी इससे खुश नहीं हैं. पहले जैसी मात्रा में सब्जी अब नहीं बिकती है. दूसरी तरफ बिक्री के अभाव में सब्जियां सड़कर बर्बाद हो रही हैं.
कीमत में आयी उछाल से आमलोगों की थाली से गायब हो रहीं सब्जियां
सब्जी विक्रेता मनोज कुमार बताते हैं कि पहले टूरिस्ट आते थे और होटल खुला रहता था, तब वह एक गाड़ी सब्जी रोज बेचते थे. होटल बंद रहने के कारण सेल बहुत कम हो गया है. अब महीना में एक गाड़ी सब्जी बेचना ता हो गया है.
रोशन कुमार बताते कि लॉकडाउन के कारण ग्राहकों का बाजार में निकलना बहुत कम हो गया है. लोग दाल रोटी से ही काम चला रहे हैं. इस कारण सब्जियों की बिक्री बहुत प्रभावित हुई है. बिक्री कम होने के कारण बासी सब्जियां सड़कर बर्बाद हो रही है. इससे दुकानदारों को काफी नुकसान सहना पड़ रहा है.
अनुज बताते हैं कि आमद और खपत में काफी अंतर हो गया है. अब पहले जैसी सब्जी की बिक्री नहीं रह गयी है. पहले लोग झोला भर कर सब्जी ले जाते थे. झोला भरकर सब्जी लेने वाले लोग पौवा-आधा किलो पर आ गये हैं. दूसरे दिन ही हरी मिर्च सहित कई सब्जियां सड़ने-गलने लगती है.